समुद्री पारिस्थितिक तंत्र: यह जैविक और अजैविक घटक है
समुद्री पारिस्थितिक तंत्र: यह जैविक और अजैविक घटक है!
समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पृथ्वी के जलीय पारिस्थितिक तंत्रों में से हैं। उनमें शामिल हैं: महासागर, मुहाना और लैगून, मैंग्रोव और प्रवाल भित्तियाँ, गहरे समुद्र और समुद्री तल। ये पानी के विशाल जलाशय हैं जो पृथ्वी की सतह का लगभग 71% (लगभग 361 मिलियन वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र) हैं।
ये इकोसिस्टम मुख्य रूप से मीठे पानी के कारण मीठे पानी के इकोसिस्टम से अलग हैं। एक खुले समुद्र में नमक की सांद्रता आमतौर पर 3.5% (35 हजार प्रति हजार (पीपीटी)) है। प्रमुख आयन सोडियम और क्लोराइड हैं। समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का औसत तापमान 2-3 डिग्री सेंटीग्रेड है, जो प्रकाश से रहित है।
जैविक घटक:
1. निर्माता:
इसमें फाइटोप्लैंक्टन (डायटम, डाइनोफ्लैगलेट्स), बड़े समुद्री शैवाल (मुख्य रूप से शैवाल जैसे क्लोरोफिसे, फियोफिचिया और रोडोफाइसी; रुपीया; जोस्टेरा; एंजियोस्पर्म), और मैंग्रोव वनस्पति की तरह;
2. उपभोक्ता:
(ए) प्राथमिक उपभोक्ता:
ये शाकाहारी हैं और उत्पादकों (क्रस्टेशियंस, मोलस्क, मछली आदि) पर सीधे फ़ीड करते हैं।
(बी) माध्यमिक उपभोक्ता:
ये मांसाहारी मछलियाँ (हेरिंग, साहद और मैकेरल) हैं
(ग) तृतीयक उपभोक्ता:
ये शीर्ष मांसाहारी मछलियां हैं (कॉड, हैडॉक, आदि)
3. डीकंपोजर:
ये बैक्टीरिया, कवक जैसे सूक्ष्म जीव हैं।
अजैव घटक:
उच्च Na, Ca, Mg और K नमक सघनता, परिवर्तनशील ऑक्सीजन सामग्री, प्रकाश और तापमान समुद्री जल में एक विशिष्ट भौतिक रासायनिक स्थिति बनाते हैं।