लैमार्किज्म और डार्विनवाद के बीच अंतर (160 शब्द)

लैमार्किज्म और डार्विनवाद के बीच अंतर के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें!

लैमार्कवाद:

1. यह सिद्धांत बताता है कि सभी जीवों में एक आंतरिक महत्वपूर्ण शक्ति है।

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2. लैमार्किज्म नई जरूरतों या इच्छाओं को जीवों की नई संरचनाओं और परिवर्तन आदतों का उत्पादन मानता है।

3. इस सिद्धांत के अनुसार यदि किसी अंग का लगातार उपयोग किया जाता है तो उसका विकास बेहतर होगा जबकि अंग के खराब होने का परिणाम उसके अध: पतन में होता है।

4. यह अस्तित्व के लिए संघर्ष पर विचार नहीं करता है।

5. सभी अर्जित अक्षर अगली पीढ़ी को विरासत में मिले हैं।

6. लंगड़वाद सबसे योग्य व्यक्ति के अस्तित्व पर विश्वास नहीं करता है।

डार्विनवाद:

1. यह आंतरिक महत्वपूर्ण बल में विश्वास नहीं करता है।

2. वे डार्विन के प्राकृतिक चयन सिद्धांत का हिस्सा नहीं हैं।

3. निरंतर भिन्नताओं के कारण ही कोई अंग आगे या विकसित हो सकता है।

4. अस्तित्व के लिए संघर्ष इस सिद्धांत में बहुत महत्वपूर्ण है।

5. केवल उपयोगी बदलाव अगली पीढ़ी को हस्तांतरित किए जाते हैं।

6. डार्विन का प्राकृतिक चयन सिद्धांत योग्यतम के अस्तित्व पर आधारित है।