राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट (NHDR) की मुख्य विशेषताएं

यूएनडीपी के एचडीआर की तरह भारत के योजना आयोग ने भी 2002 में पहला एनएचडीआर प्रकाशित किया था। एनएचडीआर ने मानव विकास सूचकांक (एचडीआई), मानव गरीबी सूचकांक (एचपीआई), लिंग समानता सूचकांक (जीएचआई), आदि जैसे मानव विकास संकेतक भी विकसित किए हैं ।

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ये संकेतक UNDP के संकेतकों से थोड़े अलग हैं। योजना आयोग ने अक्टूबर, 2011 में दूसरी भारत मानव विकास रिपोर्ट (HDR) 2011 जारी की। रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं हैं:

(i) 2000 से 2007 तक। भारत का मानव विकास सूचकांक 21 प्रतिशत बढ़ा, जो चीन के 17 प्रतिशत से अधिक था।

(ii) यह उच्चतम साक्षरता दर और गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करने के सूचकांक में केरल को सबसे ऊपर रखता है।

(iii) रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 1973 में 320 मिलियन की तुलना में गरीबों की पूर्ण संख्या (रिपोर्ट के अनुसार 27 प्रतिशत) 302 मिलियन थी।

(iv) रिपोर्ट कहती है कि बिहार में अभी भी 60 प्रतिशत गरीब केंद्रित हैं।

(v) शीर्ष पांच स्लॉट में केरल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गोवा और पंजाब का कब्जा था।

(vi) हरियाणा 7 से 9 वें स्थान पर खिसक गया, जबकि जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड क्रमशः 9 वें और 14 वें स्थान पर रहे।

(vii) छह निम्नतम HDI राज्यों के लिए - बिहार, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़। मध्य प्रदेश उड़ीसा और असम - एचडीआई सुधार राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर रहा है। गरीब राज्यों में से केवल राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने राष्ट्रीय औसत से नीचे एचडीआई सुधार दिखाया है।