संभागीय संगठन संरचना का नुकसान

संभागीय संगठन संरचना के मुख्य नुकसान निम्नलिखित हैं:

(1) विभागाध्यक्षों के बीच संघर्ष:

हर मंडल प्रमुख अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है। अहंकार को संतुष्ट करने के लिए प्रत्येक अपने विभाग के लिए अधिकतम संसाधनों की मांग करता है। यह स्थिति विभिन्न प्रभाग प्रमुखों के बीच संघर्ष का कारण बनती है।

चित्र सौजन्य: cbpartners.org/blog/wp-content/uploads/2012/05/business-people-chatting.jpg

(2) कार्यों की दोहराव:

सभी डिवीजनों के लिए फ़ंक्शन (जैसे, उत्पादन, विपणन, वित्तीय, कर्मियों, आदि) के पूरे सेट की आवश्यकता है। यह विभाजन के बीच प्रयासों की नकल को जन्म देता है। इसलिए, संसाधनों का दुरुपयोग किया जाता है और संचालन की लागत अनावश्यक रूप से बढ़ जाती है।

(३) स्वार्थी मनोवृत्ति:

प्रत्येक डिवीजन कभी-कभी अन्य डिवीजनों की कीमत पर भी बेहतर प्रदर्शन का प्रयास करता है। इससे उनके स्वार्थी रवैये का पता चलता है। नतीजतन, यह समग्र रूप से चिंता के हित को हिट करता है।